BhadraKali Temple
BhadraKali Templeभद्रकाली मंदिर: जब देवी माँ के नौ स्वरूपों की पूजा की बात आती है, तो भक्त उन्हें विशेष अनुष्ठानों और मंत्रों के साथ सम्मानित करना पसंद करते हैं। भक्त माता रानी को प्रसन्न करने के लिए नाम जपते हैं, भक्ति करते हैं और धार्मिक कर्मकांड का पालन करते हैं। लेकिन केरल में एक ऐसा मंदिर है, जहाँ भक्त देवी को गालियाँ देकर उनकी पूजा करते हैं। जी हाँ, आपने सही सुना।
मंदिर की विशेषता
यह मंदिर दक्षिण भारत के केरल में स्थित है, जहाँ देवी के रौद्र रूप की पूजा की जाती है। भक्त यहाँ देवी को गालियाँ देते हैं, लेकिन यह अपमान नहीं, बल्कि श्रद्धा का प्रतीक माना जाता है। इस मंदिर में माता के सबसे भयानक रूप की पूजा होती है, जिन्हें स्थानीय लोग कुरुंबा भगवती के नाम से जानते हैं। यहाँ स्थापित मूर्ति 8 भुजाओं वाली और 6 फीट ऊँची है, जो क्रोध से भरी हुई है।
गालियाँ देने की परंपरा
हर साल मार्च और अप्रैल में यहाँ एक भव्य उत्सव मनाया जाता है, जो गालियों, तलवारों और देवी की चेतना से भरा होता है। मान्यता है कि रक्तबीज से युद्ध के बाद भद्रकाली अत्यंत क्रोधित हो गई थीं और भक्तों ने उन्हें गालियाँ देकर शांत किया था। यह परंपरा आज भी जीवित है। उत्सव के अंत में, देवी भद्रकाली की मूर्ति को चंदन से शुद्ध किया जाता है, जो शांति और सौम्यता का प्रतीक है। इस मंदिर की पौराणिक कथा कनकी नामक एक महिला से भी जुड़ी है, जिन्हें भद्रकाली का अवतार माना जाता है। भारत की यही विशेषता इसे अन्य देशों से अलग बनाती है, जहाँ विभिन्न धर्म, परंपराएँ और संस्कृतियाँ एक साथ फलती-फूलती हैं।
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